हमारा पानी हमारी जिम्मेदारी इस विषय पर अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित किया गया जल संवाद। 

हमारा पानी हमारी जिम्मेदारी इस विषय पर अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित किया गया जल संवाद। 

हमारा पानी हमारी जिम्मेदारी इस विषय पर अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित किया गया जल संवाद। 

इंदौर। सामाजिक संस्था अभ्यास मंडल द्वारा  प्रेस क्लब में जल संवाद खुला मंच आयोजित किया जिसका विषय था हमारा पानी हमारी जिम्मेदारी। विषय प्रवर्तनकरते हुए संस्था की सचिव डॉक्टर माला सिंह ठाकुर ने कहा कि अभ्यास मंडल शहर की हर समस्या के साथ खड़ा रहता है 

 वर्षा प्रारंभहो चुकी है और इस वर्षा के जल का दुरुपयोग ना हो इसे सहेजा जाए इस विषय पर आज आयोजित कार्यक्रम में यहां पर उपस्थित विद्वान वक्ता और विषय के विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे ।श्री अनिल भोजे ने कहा कि कई योजनाएं हैं इस संदर्भ जल ऑडिट बनाया जाना चाहिए युवा कुणाल भंवर ने कहा कि भूजल खतरे में होता जा रहा है कई शहरों में पीने का पानी उपलब्ध नहीं है यह गंभीर विषय है ।।गिरधर मूंदड़ा जी ने कहा कि चैंबर जहां बनाए जाते हैं और सड़क के मध्य यहां पर कुछ और थोड़ी जगह छोड़कर के ऐसा बनाया जाना चाहिए की बरसात का पानी धीरे-धीरे नीचे उतर सके। सदाशिव कौतुक ने कविता के माध्यम से कहा कि समुद्र कहता है कि में तुम्हें पानी देता हूं और तुम मुझे सहेज कर रखो ।श्री गौतम कोठारी ने नर्मदा गंभीरसंगम पर अपनी बात करते हुए कहा कि पीथमपुर जैसी जगह में वहां पर अपनी प्राकृतिक रूप से भी इकट्ठा किया जा सकता है लेकिन सरकार इसके ऊपर ध्यान नहीं दे रही है ।श्री श्याम पांडे ने कहा कि हर व्यक्ति को जल प्रबंधन अपने घर से प्रारंभ करना चाहिए ।डॉक्टर रुपेश जी ने कहा कि छत के पानी को सहेज कर अपने ही मकान में नीचे उतारने का प्रयास किया जाना चाहिए ।डॉक्टर ओपी जोशी ने कहा जल साक्षरता अभियान चलाया जाना चाहिए ओ पी जोशी ने पानी का अवांछित दुरुपयोग इस विषय पर एक चार्ट भी बना करके वितरित किया डॉक्टर एस एल गर्ग ने कहा कि शहर का ही पानी खत्म नहीं हो रहा है बल्कि लोगों के आंखों का पानी भी खत्म हो रहा है ।यह एक गंभीर विषय है डॉ दिलीप वाघेला ने नगर निगम की जिम्मेदारियां पर विशेष जोर दिया 

हरे राम बाजपेई ने कहा कि उन्होंने अभ्यास मंडल के अभियान को नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण में भी चर्चा करके उनके सहयोग की अपेक्षा की है ।पार्षद सोनाली सिमरोठ ने कहा कि हर घर में जल योद्धा तैयार किए जाने चाहिए जल क्रांति के रूप में कार्य करना चाहिए। संदीप नरुलकर जी ने कहा कि जितना जल अपनी इस धरती पर आ रहा है और उससे कहीं अधिक हम उसका अपव्यय कर रहे हैं ऊपर से प्राप्त पानी का सही सदुपयोग होना चाहिए सड़क धुलाई जैसे कार्यों में जो पानी खर्च किया जाता है इसके ऊपर लोगों को आपत्ति करनी चाहिए। अरविंद जोशी ने जल संवर्धन पर अपनी बात रखी विशेषज्ञ डॉक्टर मुकेश चौहान ने कहा कि यहां पर बहुत अच्छे सुझाव आए हैं उन पर चिंतन किया जाना चाहिए वर्षाका पानी 20% ही हम बचा पाते हैं 80% व्यर्थ चला जाता है यह गंभीर विषय है संस्था के अध्यक्ष श्री रामेश्वर गुप्ता ने हर बूंद का हम महत्व समझे इस संदर्भ एक शपथ पत्र भी दिलवाया ।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर स्वप्निल व्यास ने किया और अंत में आभार वैशाली खरे ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में काफी संख्या में लोगों ने अपनी सहभागिता की।

संवाद के मुख्य सुझाव एवं प्रस्ताव

जल प्रबंधन में भी इंदौर बने न 1

   कुदरत की देन कान्ह-सरस्वती नदी में स्थायी जल संग्रहण की व्यवस्था सुनिश्चित हो – नदियों की सफाई, गहरीकरण और जल की सतत उपलब्धता की योजना बनाई जाए। 

जल मल बोर्ड बने जल प्रबंधन आचार संहिता’ बने* – *जिसमें नागरिकों, संस्थाओं और सरकार की जल उपयोग संबंधी भूमिका स्पष्ट हो।

 स्कूलों-कॉलेजों में जल शिक्षा अनिवार्य हो – ताकि अगली पीढ़ी जल-संवेदनशील बने।

 जल प्रहरी’ अभियान शुरू हो – मोहल्लों, वार्डों में स्वयंसेवक जल निगरानी की जिम्मेदारी लें।

कार्यक्रम का समापन "जल की एक-एक बूंद की रक्षा करें" इस संकल्प के साथ हुआ। अभ्यास मंडल ने यह भी घोषणा की कि यह संवाद अब एक निरंतर अभियान का रूप लेगा, जिसमें जन भागीदारी के साथ इंदौर को जल संरक्षित शहर बनाने का संकल्प लिया जाएगा।